साइबर फ्राड और सुरक्षा उपाय

आजकल के साइबर फ्रॉड और उनसे बचने के लिए सुरक्षा के उपाय और सरकारी नियम इस प्रकार हैं:

आधुनिक साइबर फ्रॉड के तरीके

आजकल धोखेबाज बहुत ही चालाक तरीके अपनाते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

 * फिशिंग (Phishing): यह सबसे आम तरीका है। इसमें आपको बैंक, सरकारी विभाग या किसी बड़ी कंपनी की तरफ से ईमेल, मैसेज या कॉल आता है। ये आपसे आपकी निजी जानकारी (जैसे ओटीपी, पिन, पासवर्ड) मांगते हैं, जिससे वे आपके खाते को एक्सेस कर सकें।

 * रैनसमवेयर (Ransomware): इसमें साइबर अपराधी आपके कंप्यूटर या फोन में एक मालवेयर (malware) डाल देते हैं, जो आपकी फाइलों को लॉक कर देता है। फिर इन फाइलों को अनलॉक करने के लिए वे आपसे फिरौती (ransom) मांगते हैं।

 * डीपफेक (Deepfake) तकनीक: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके धोखेबाज किसी व्यक्ति की आवाज या वीडियो को हूबहू कॉपी कर लेते हैं। इसका इस्तेमाल फ्रॉड कॉल या वीडियो में किया जा रहा है ताकि पीड़ित को यह लगे कि वह किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात कर रहा है।

 * सिम स्वैप फ्रॉड (SIM Swap Fraud): इसमें अपराधी आपके मोबाइल ऑपरेटर से आपकी सिम को दोबारा जारी करा लेते हैं। एक बार जब उनके पास आपकी सिम का एक्सेस आ जाता है, तो वे आपके बैंक खाते से जुड़े ओटीपी को प्राप्त कर सकते हैं और फ्रॉड कर सकते हैं।

साइबर सुरक्षा के लिए ज़रूरी टूल्स और टिप्स

व्यक्तिगत स्तर पर खुद को सुरक्षित रखने के लिए ये उपाय अपनाए जा सकते हैं:

 * मजबूत पासवर्ड और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA): हर खाते के लिए एक अलग और मजबूत पासवर्ड इस्तेमाल करें। जहां भी संभव हो, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (OTP या बायोमेट्रिक) चालू रखें।

 * सॉफ्टवेयर और ऐप्स को अपडेट रखें: अपने फोन, कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें। अपडेट में नए सुरक्षा पैच होते हैं जो कमजोरियों को ठीक करते हैं।

 * एंटी-वायरस और फ़ायरवॉल (Antivirus & Firewall): अपने डिवाइस पर अच्छे एंटी-वायरस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें। फ़ायरवॉल आपके नेटवर्क पर आने-जाने वाले डेटा को मॉनिटर करके संदिग्ध गतिविधियों को रोकता है।

 * संदिग्ध लिंक और मैसेज से बचें: किसी भी अनजान ईमेल, मैसेज या लिंक पर क्लिक न करें। पैसे प्राप्त करने के लिए कभी भी अपना यूपीआई पिन या ओटीपी न डालें।

 * अपनी जानकारी सीमित रखें: सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा निजी जानकारी साझा न करें। धोखेबाज इस जानकारी का इस्तेमाल आपके साथ फ्रॉड करने के लिए कर सकते हैं।

भारत सरकार के नियम और कानून

साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए भारत सरकार ने कई कानून और दिशानिर्देश बनाए हैं:

 * सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (Information Technology Act, 2000): यह भारत में साइबर अपराधों और इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स को नियंत्रित करने वाला मुख्य कानून है। इसमें पहचान की चोरी, हैकिंग और धोखाधड़ी जैसे अपराधों के लिए सजा का प्रावधान है।

 * भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C): गृह मंत्रालय ने सभी तरह के साइबर अपराधों से निपटने के लिए I4C की स्थापना की है।

 * राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in): यह एक सरकारी पोर्टल है जहां कोई भी नागरिक ऑनलाइन साइबर अपराध की शिकायत दर्ज कर सकता है। अगर आपके साथ कोई वित्तीय धोखाधड़ी होती है, तो आप तुरंत इस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

 * हेल्पलाइन नंबर 1930: यह एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर है जिस पर आप तुरंत कॉल करके वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

 * भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देश: आरबीआई ने बैंकों और डिजिटल पेमेंट कंपनियों के लिए सख्त सुरक्षा नियम बनाए हैं। इनमें टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, डेटा एन्क्रिप्शन और ग्राहकों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने जैसे नियम शामिल हैं।

सुरक्षित रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है सतर्कता। हमेशा याद रखें कि कोई भी बैंक या सरकारी अधिकारी आपसे कभी भी आपका गोपनीय पिन या ओटीपी नहीं मांगेगा।