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भारत में जीवन बीमा की शुरुआत 100 वर्ष पहले हुई थी।
हमारे देश में, जो दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक है, बीमा की प्रमुखता को उतना व्यापक रूप से नहीं समझा जाता है, जितना समझा जाना चाहिए। एलआईसी के विशेष संदर्भ के साथ पाठकों को जीवन बीमा की कुछ अवधारणाओं से परिचित कराने का एक प्रयास है।
बहरहाल, यह बात ध्यान रखने योग्य है कि यहां हम जो कुछ भी बताने जा रहे हैं, वह एलआईसी की किसी पॉलिसी के नियम/ शर्तों या उसके लाभों या विशेषाधिकारों का विस्तृत ब्यौरा नहीं है.
हालांकि, यह स्पष्ट रूप से समझा जाना चाहिए कि निम्नलिखित सामग्री किसी भी तरह से एलआईसी पॉलिसी या इसके लाभों या विशेषाधिकारों के नियमों और शर्तों का विस्तृत विवरण नहीं है।
बहरहाल, यह बात ध्यान रखने योग्य है कि यहां हम जो कुछ भी बताने जा रहे हैं, वह एलआईसी की किसी पॉलिसी के नियम/ शर्तों या उसके लाभों या विशेषाधिकारों का विस्तृत ब्यौरा नहीं है. विस्तृत जानकारी के लिए हमारे शाखा या मंडल कार्यालय से संपर्क करें. कोई भी एलआईसी अभिकर्ताआपकी आवश्यवता के अनुरूप पॉलिसी का चुनाव करने और उसके भुगतान में आपकी मदद करके खुश होगा |
जीवन बीमा ऐसा अनुबंध है, जो उन घटनाओं के घटने पर, जिनके लिए बीमित व्यक्ति का बीमा किया जाता है, एक ख़ास रकम अदा करने का वादा करता है.
अनुबंध निम्नलिखित अवधि के दौरान बीमित रकम के भुगतान के लिए वैध होता है :
अनुबंध के तहत पॉलिसी धारक को नियत अंतराल पर निगम को प्रीमियमों का भुगतान करना होता है. एल.आई.सी.सार्वभौमिक रूप एक से ऐसा संस्थान माना जाता है, जो जोखिम दूर करता है और अनिश्चितता की जगह निश्चितता लाता है तथा आजीविका कमाने वाले के असामयिक निधन पर परिवार की समय से मदद करता है.
कुल मिला कर जीवन बीमा मृत्यु की वजह से पैदा होने वाली समस्याओं का सभ्यताजन्य आंशिक समाधान है. संक्षेप में, जीवन बीमा का संबंध हर व्यक्ति के जीवन में आने वाली दो समस्याओं से हैः
कोई भी वयस्क स्त्री - पुरुष जो वैध अनुबंध कर सकता है अपना और उनका बीमा करा सकता है जिनके साथ उनके बीमा कराने योग्य हित जुड़े हों
व्यक्ति अपने पति / या पत्नी या बों का भी बीमा करा सकता है लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें जु ड़ी होती हैं ब बीमा प्रस्तावों को स्वीकार करते समय निगम व्यक्ति के स्वास्थ्य , उसकी आय और दूसरे प्रासंगिक कारकों पर विचार करता है
राष्ट्रीयकरण ( 1955 ) से पहले कितनी ही बीमा कंपनियां स्त्रियों का बीमा करने के लिए अतिरिक्त प्रीमियमें लेती थीं या कुछ अवरोधक शर्तें लगाती थीं. बहरहाल, राष्ट्रीयकरण करने के बाद से जिन शर्तों पर औरतों का जीवन बीमा किया जाता है, उन शर्तों की समय-समय पर समीक्षा की जाती रही है आज की तारी.ख में कमाने वाली कामकाजी औरतों को मर्दों के समतुल्य माना जाता है . दूसरे मामलों में निवारक शर्त लगायी जाती है . वह भी सि.र्फ तब जब औरत की उम्र ३० वर्षतक हो और कराधान सीमा में आने लायक उसकी आमदनी न हो.
आम तौर पर जीवन बीमा बीमित व्यक्ति के स्वास्थ्य की जांच के बाद किया जाता है . बहरहाल , जीवन बीमा को व्यापक प्रसार देने और असुविधाओं को टालने के लिए जीवन बीमा निगम बिना डाक्टरी जांच के बीमा सुरक्षा देने लगा है , जिसके साथ कुछ शर्तें जु ड़ी होती हैं.
कोई बीमा पालिसी लाभ आधारित हो सकती है या बिना लाभ की भी हो सकती है ब लाभ आधारित पालिसियों के मामले में घोषित अधिलाभकी, अगर इस तरह के अधिलाभकी घोषणा की गयी हो , एक निश्चित अवधि पर होने वाले नियमित मूल्यांकनों के बाद पालिसी के साथ आवंटन किया जाता है और अनुबंधित राशि के साथ उनका भुगतान देय होता है.
बिना लाभ वाली पालिसियों के मामले में बिना किसी जो ड़ के अनुबंधित राशि अदा की जाती है ब लाभ युक्त पालिसी की प्रीमियमों की राशि इसीलिए लाभ रहित पालिसियों के मु.काबले .ज्यादा होती है.
कीमैन बीमा व्यापारिक कंपनियां / कंपनी को अपने महत्वपूर्ण कर्मचारियों के असामयिक निधन से होने वाले वित्रीय नुकसान से बचाने के लिए करती हैं.