49वीं प्रगति बैठक: ₹65,000 करोड़ की परियोजनाओं की समीक्षा से शासन में नई गति 🇮🇳

49वीं प्रगति बैठक: ₹65,000 करोड़ की परियोजनाओं की समीक्षा से शासन में नई गति 🇮🇳

 

 

परिचय

 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपनी अध्यक्षता में 49वीं प्रगति (PRAGATI) बैठक का आयोजन किया, जो शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने वाला एक अनूठा मंच है। इस बैठक में, प्रधानमंत्री ने 15 राज्यों में चल रही 13 प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की गहन समीक्षा की, जिनकी कुल लागत ₹65,000 करोड़ से अधिक है। बैठक का मुख्य उद्देश्य इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर करना और उनका समय पर समापन एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करना था।


 

PRAGATI क्या है?

 

PRAGATI का पूरा नाम “प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन” (Pro-Active Governance and Timely Implementation) है। यह एक मल्टी-मॉडल प्लेटफॉर्म है जो केंद्र और राज्य सरकारों के शीर्ष अधिकारियों को एक साथ लाता है।

  • उद्देश्य: आम आदमी की शिकायतों का समाधान करना और महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और परियोजनाओं की निगरानी और समीक्षा करना।

  • तकनीक: यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और भू-स्थानिक तकनीक (Geo-spatial Technology) का उपयोग करता है, जिससे प्रधानमंत्री सीधे संबंधित अधिकारियों से real-time में संवाद कर सकते हैं।


 

49वीं बैठक के मुख्य बिंदु

 

इस बैठक में जिन 13 परियोजनाओं की समीक्षा की गई, वे देश के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

  • शामिल प्रमुख क्षेत्र:

    • सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (7 परियोजनाएं)

    • रेल मंत्रालय (3 परियोजनाएं)

    • विद्युत मंत्रालय (1 परियोजना)

    • कोयला मंत्रालय (1 परियोजना)

    • पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (1 परियोजना)

  • शामिल राज्य: इन परियोजनाओं का संबंध उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से है।


 

प्रधानमंत्री के प्रमुख निर्देश

 

समीक्षा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए:

  1. समय पर पूर्णता: सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा करने पर जोर दिया गया ताकि लागत में वृद्धि (Cost Overrun) से बचा जा सके।

  2. गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं: निर्माण कार्य की गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करने का निर्देश दिया गया।

  3. पीएम गतिशक्ति प्लेटफॉर्म का उपयोग: परियोजनाओं की योजना और कार्यान्वयन में पीएम गतिशक्ति प्लेटफॉर्म का प्रभावी ढंग से उपयोग करने की सलाह दी गई, ताकि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सके।

  4. बाधाओं का तत्काल समाधान: राज्यों के मुख्य सचिवों को भूमि अधिग्रहण, वन मंजूरी और अन्य स्थानीय मुद्दों से संबंधित बाधाओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का निर्देश दिया गया।


 

निष्कर्ष

 

49वीं प्रगति बैठक एक बार फिर यह साबित करती है कि यह प्लेटफॉर्म सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। प्रधानमंत्री द्वारा सीधे हस्तक्षेप और निगरानी से न केवल बड़ी और जटिल परियोजनाओं में तेजी आती है, बल्कि यह शासन में एक नई कार्य-संस्कृति को भी जन्म देता है। ₹65,000 करोड़ की इन परियोजनाओं का समय पर पूरा होना भारत के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगा, आर्थिक विकास को गति देगा और लाखों नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाएगा।