Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojna
Description
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारत सरकार द्वारा किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान से बचाने के लिए शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है। 13 फरवरी 2016 को लॉन्च हुई यह योजना किसानों के लिए एक आर्थिक सुरक्षा कवच की तरह काम करती है।
बिरसा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना / मौसम - खरीफ 2025 /सिर्फ़ 1/- में फसल बीमा कराओ, सुरक्षा कवच पाओ ! अंतिम तारीख- 15/08/2025
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है?
यह एक फसल बीमा योजना है जिसका मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, कीटों के हमले या बीमारियों के कारण फसल बर्बाद होने की स्थिति में किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत किसान अपनी फसल का बीमा बहुत ही कम प्रीमियम (किस्त) देकर करवा सकते हैं। प्रीमियम का अधिकांश हिस्सा केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर वहन करती हैं, ताकि किसानों पर बोझ कम से कम पड़े।
यह योजना न केवल खरीफ और रबी की फसलों को, बल्कि बागवानी और व्यावसायिक फसलों को भी सुरक्षा प्रदान करती है।
किसानों के लिए प्रीमियम की दरें
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत इसकी कम प्रीमियम दरें हैं:
-
खरीफ फसलें: (जैसे धान, मक्का, ज्वार, बाजरा) - बीमा राशि का 2%
-
रबी फसलें: (जैसे गेहूं, जौ, चना, सरसों) - बीमा राशि का 1.5%
-
वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलें: (जैसे फल, सब्जियां) - बीमा राशि का 5%
उदाहरण के लिए: अगर किसी किसान की फसल की बीमा राशि 1,00,000 रुपये है, तो उसे खरीफ फसल के लिए सिर्फ 2,000 रुपये और रबी फसल के लिए सिर्फ 1,500 रुपये का प्रीमियम देना होगा। बाकी का प्रीमियम सरकार बीमा कंपनी को देती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रमुख लाभ (Benefits)
-
आर्थिक सुरक्षा: यह योजना किसानों को सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, भूस्खलन, कीटों का प्रकोप, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाती है।
-
व्यापक कवरेज: इसमें फसल की बुवाई से लेकर कटाई के बाद तक के जोखिम शामिल हैं।
-
बुवाई न कर पाना: अगर खराब मौसम के कारण किसान बुवाई ही नहीं कर पाता है, तो भी उसे बीमा का लाभ मिलता है।
-
खड़ी फसल का नुकसान: बुवाई से लेकर कटाई के बीच अगर फसल को कोई नुकसान होता है, तो उसका मुआवजा मिलता है।
-
स्थानीय आपदाएं: ओलावृष्टि, भूस्खलन और जलभराव जैसी स्थानीय आपदाओं से खेत विशेष में हुए नुकसान का भी आकलन कर मुआवजा दिया जाता है।
-
कटाई के बाद का नुकसान: फसल काटने के 14 दिनों के भीतर अगर वह खेत में सूखने के लिए रखी गई है और इस दौरान चक्रवात, बेमौसम बारिश या ओलावृष्टि से उसे नुकसान पहुंचता है, तो भी बीमा कवर मिलता है।
-
-
किसानों की आय में स्थिरता: फसल खराब होने की स्थिति में मुआवजा मिलने से किसानों की आय स्थिर रहती है और वे कर्ज के जाल में फंसने से बच जाते हैं।
-
कृषि में निरंतरता को बढ़ावा: आर्थिक सुरक्षा मिलने से किसान बिना किसी डर के खेती जारी रख पाते हैं और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित होते हैं।
-
पट्टेदार किसानों को भी लाभ: अब इस योजना का लाभ उन किसानों को भी मिलता है जो किसी और की जमीन पर खेती (पट्टे पर खेती) करते हैं।
-
पारदर्शी और त्वरित दावा निपटान: फसल नुकसान का आकलन करने के लिए सैटेलाइट इमेजरी, ड्रोन और स्मार्टफोन जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है। \'डिजिक्लेम मॉड्यूल\' जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से दावों का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में तेजी से किया जाता है।
आवेदन कैसे करें?
किसान इस योजना के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से आवेदन कर सकते हैं:
-
ऑनलाइन: PMFBY के राष्ट्रीय पोर्टल (pmfby.gov.in) पर जाकर।
-
ऑफलाइन: अपने नजदीकी बैंक, सहकारी समिति या कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर।
यह योजना भारतीय कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो किसानों को अनिश्चितताओं से बचाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है।